Friday, August 1, 2025

🔱 संस्कृत श्लोक और मन्त्र: अर्थ, लाभ और सम्पूर्ण ज्ञान |

📿 21 वैदिक मंत्र और श्लोक: अर्थ, लाभ और जप विधि
एक दिव्य भारतीय ऋषि, शुद्ध वस्त्रों में वेद पाठ करते हुए, हाथ में जपमाला और सामने अग्निहोत्र यज्ञ अग्नि जलती हुई। पीछे हरे-भरे वृक्ष, स्वच्छ नीला आकाश और उगता सूर्य — आध्यात्मिक ऊर्जा और वैदिक ज्ञान से भरपूर वातावरण।

📿 21 वैदिक मंत्र और श्लोक: अर्थ, लाभ और जप विधि

गुरुवाणी से सजीव, वेदों से प्रमाणित


🔱 मन्त्र १: ॐ नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय॥

हिन्दी अर्थ: मैं भगवान शिव को नमस्कार करता हूँ।

लाभ: यह पंचाक्षरी महामंत्र मन की शांति, भय नाश और मोक्ष का मार्ग प्रदान करता है।


🔱 मन्त्र २: महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

हिन्दी अर्थ: हम त्रिनेत्रधारी भगवान शिव का पूजन करते हैं, जो जीवनदाता हैं। जैसे ककड़ी डंठल से अलग होती है, वैसे ही हम मृत्यु से मुक्त हों।

लाभ: यह मंत्र रोग, भय और अकाल मृत्यु से रक्षा करता है। यह जीवनदायिनी ऊर्जा से भर देता है।


🔱 मन्त्र ३: गायत्री महामन्त्र

ॐ भूर्भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥

हिन्दी अर्थ: हम उस परम तेजस्वी, जीवनदाता, शुभ स्वरूप ईश्वर का ध्यान करते हैं जो हमारी बुद्धि को सद्मार्ग पर प्रेरित करे।

लाभ: यह सबसे प्राचीन वैदिक मंत्रों में एक है। इसे जपने से चित्त शुद्ध होता है, स्मरण शक्ति बढ़ती है और आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।


🔱 मन्त्र ४: श्री गणेश मंत्र

ॐ गं गणपतये नमः॥

हिन्दी अर्थ: गणपति को नमन, जो विघ्नहर्ता और शुभारंभ के देवता हैं।

लाभ: यह मंत्र कार्यों की सफलता और विघ्नों से मुक्ति दिलाता है।


🔱 मन्त्र ५: सरस्वती वंदना

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥

हिन्दी अर्थ: वह देवी जो श्वेतवस्त्रधारी हैं, वीणा धारण करती हैं, हमें विद्या प्रदान करें।

लाभ: विद्यार्थियों के लिए अमोघ मंत्र। इससे स्मरण शक्ति, वाणी और सृजनात्मकता बढ़ती है।


🔱 मन्त्र ६: दुर्गा कवच बीज मन्त्र

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे॥

हिन्दी अर्थ: देवी चामुंडा को नमन। ऐं (विद्या), ह्रीं (शक्ति), क्लीं (आकर्षण)।

लाभ: यह मन्त्र भय, नकारात्मक ऊर्जा और तांत्रिक बाधाओं से रक्षा करता है।


🔱 मन्त्र ७: श्री लक्ष्मी मंत्र

ॐ महालक्ष्म्यै नमः॥

हिन्दी अर्थ: महालक्ष्मी को नमन।

लाभ: इस मंत्र से धन, वैभव और घर में सुख-शांति आती है।


🔱 मन्त्र ८: विष्णु सहस्त्रनाम आरम्भ मंत्र

ॐ नारायणाय नमः॥

हिन्दी अर्थ: नारायण (विष्णु) को नमस्कार।

लाभ: मन की स्थिरता, भक्ति, और संकट से रक्षा करता है।


🔱 मन्त्र ९: हनुमान बीज मन्त्र

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं हनुमते नमः॥

हिन्दी अर्थ: यह हनुमानजी का बीज मंत्र है जो उनकी तीन शक्तियों – विद्या (ऐं), शक्ति (ह्रीं), और ऐश्वर्य (श्रीं) – को दर्शाता है।

लाभ: यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा, भय, तांत्रिक बाधा और शत्रुओं से रक्षा करता है। रोज प्रातः 11 बार जपें।


🔱 मन्त्र १०: शनि शांति मंत्र

ॐ शं शनैश्चराय नमः॥

हिन्दी अर्थ: शनि देव को नमस्कार।

लाभ: शनि दोष, साढ़ेसाती, ढैया में अत्यंत प्रभावकारी।


🔱 मन्त्र ११: मंत्र पुष्पांजलि आरम्भ

यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तानि धर्माणि प्रथमान्यासन्॥

हिन्दी अर्थ: देवताओं ने यज्ञ के द्वारा यज्ञ किया।

लाभ: पूजा में शुभता, फलप्राप्ति और ब्रह्मांडीय ऊर्जा की प्राप्ति।


🔱 मन्त्र १२: नवग्रह शांति मन्त्र

ॐ आदित्याय च सोमाय मङ्गलाय बुधाय च।
गुरु शुक्र शनिभ्यश्च राहवे केतवे नमः॥

हिन्दी अर्थ: यह मन्त्र सभी नौ ग्रहों को नमस्कार करता है – सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु एवं केतु – जिससे उनके अशुभ प्रभावों से शांति प्राप्त हो।

लाभ: ग्रहों के दोष, विशेषकर शनि, राहु-केतु की दशा में मानसिक शांति और बाधाओं में राहत मिलती है।


🔱 मन्त्र १३: लक्ष्मी बीज मन्त्र

ॐ श्रीं श्रीये नमः॥

हिन्दी अर्थ: यह लक्ष्मीजी का बीज मंत्र है – “श्रीं” – जो समृद्धि, ऐश्वर्य और शुभता का प्रतीक है।

लाभ: इस मंत्र के नियमित जाप से धन वृद्धि, सुख-शांति, घर में लक्ष्मी स्थिर होती हैं। शुक्रवार को विशेष रूप से जप करें।


🔱 मन्त्र १४: गायत्री महामन्त्र (वैदिक मूल)

ॐ भूर्भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥

हिन्दी अर्थ: हम उस परम तेजस्वी, जीवनदाता, शुभ स्वरूप ईश्वर का ध्यान करते हैं जो हमारी बुद्धि को सद्मार्ग पर प्रेरित करे।

लाभ: यह सबसे प्राचीन वैदिक मंत्रों में एक है। इसे जपने से चित्त शुद्ध होता है, स्मरण शक्ति बढ़ती है और आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।


🔱 मन्त्र १५: हनुमान कवच बीज मन्त्र

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं हनुमते नमः॥

हिन्दी अर्थ: यह हनुमानजी का बीज मंत्र है जो उनकी तीन शक्तियों – विद्या (ऐं), शक्ति (ह्रीं), और ऐश्वर्य (श्रीं) – को दर्शाता है।

लाभ: यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा, भय, तांत्रिक बाधा और शत्रुओं से रक्षा करता है। रोज प्रातः 11 बार जपें।


🔱 गुरु वाक्य:

वत्स! जो भी मंत्र जपते हो, वह केवल उच्चारण नहीं — वह ब्रह्मांडीय ऊर्जा है। नियम, निष्ठा और भावना से किया गया जाप ही फलदायी होता है।

📜 लेखक: Jaishiv Meena
📧 संपर्क: bharatbeacon@gmail.com


🕉️ “मंत्र केवल ध्वनि नहीं, वह स्वयं ब्रह्म है।”

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📜 अस्वीकरण: इस लेख में दिए गए मंत्र और श्लोक प्राचीन धार्मिक ग्रंथों, वेदों व पुराणों पर आधारित हैं। यह केवल सामान्य जानकारी एवं आध्यात्मिक उपयोग हेतु है। रोग या मानसिक कष्टों के लिए कृपया योग्य चिकित्सक या विशेषज्ञ की सलाह लें। मंत्रों का जप उचित शुद्धता, श्रद्धा और नियमों से करें।
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