Tuesday, July 29, 2025

बचपन में पाले, बड़े होकर ताने मिले — जब अपने ही बच्चे कहें “माँ-बाप ने किया ही क्या है?

जब बच्चे बड़े होकर कहते हैं - माँ बाप ने हमारे लिए किया ही क्या है?
गांव की चौपाल में बहू अपने सास-ससुर पर उंगली उठाते हुए गुस्से में, पीछे खड़ा बेटा चिंतित – जब बड़े होकर बच्चे माँ-बाप से सवाल

जब बच्चे बड़े होकर कहते हैं - माँ बाप ने हमारे लिए किया ही क्या है?

गांव की मिट्टी में पले-बढ़े वो मां-बाप, जिनकी झुर्रियों में हजारों कहानियाँ छुपी हैं, आज अपने ही बच्चों से सुनते हैं – “आपने हमारे लिए किया ही क्या है?” यह वाक्य न सिर्फ दिल चीर देता है, बल्कि उस जीवन की तपस्या पर सवाल खड़े कर देता है, जो उन्होंने अपने बच्चों के लिए जी थी।

🔸 गरीबी में भी अपने बच्चों को पालना

गरीब मां-बाप के पास पैसे भले न हों, लेकिन उनके दिलों में अपने बच्चों के लिए अथाह प्रेम होता है। मिट्टी के चूल्हे पर रोटी सेंकते हुए माँ और खेत में काम कर थक हारकर लौटते पिता ने सिर्फ एक सपना देखा – “हमारे बच्चे हमसे बेहतर ज़िंदगी जिएं।”

🔸 ना सही कॉन्वेंट स्कूल, पर संस्कार तो दिए थे

कई बच्चे यह कह देते हैं कि उन्हें अच्छे स्कूल में नहीं पढ़ाया गया। लेकिन क्या स्कूल ही सब कुछ है? जिन बच्चों को अपने मां-बाप का सम्मान करना तक नहीं आता, क्या वही शिक्षा उन्हें कहीं और मिल पाई?

🔸 कड़े (कपड़े) नहीं थे महंगे, लेकिन दिल से साफ थे

बचपन में जो कपड़े मां-बाप दिला पाते थे, वो साधारण जरूर थे, लेकिन प्यार से भरे होते थे। अपने हिस्से का नया कपड़ा बच्चे के लिए छोड़ देना, यही तो मां-बाप की महानता है।

🔸 बेटा और बहू का मिलकर ताना देना – सबसे बड़ा दुख

जब बेटा खुद खामोश खड़ा हो और बहू उंगली उठाकर कहे – “इन्हें क्या पता ज़िंदगी के बारे में?” तो मां-बाप का वह दिल ही टूट जाता है, जो सालों उस बेटे की मुस्कान के लिए धड़कता रहा।

🔸 पिता की टूटी चप्पल और बेटे का चमकता मोबाइल

जिस पिता ने जीवनभर टूटी चप्पलें पहन लीं ताकि बेटे को मोबाइल दिला सके, आज वही बेटा उस पिता की झुकी कमर को देखकर भी नहीं समझ पाता कि उसने अपनी जवानी कहाँ खपा दी।

🔸 माँ की रातों की नींद और बेटे की नींद पूरी न होने की शिकायत

माँ जिसने रात-रात भर जगकर बेटे को सुलाया, वो आज बेटे के यह कहने पर चुप हो जाती है – “नींद पूरी नहीं हो रही यार, स्ट्रेस हो रहा है।”

🔸 बेटियों का धन्यवाद और बेटों का उलाहना

अक्सर बेटियाँ माँ-बाप की पीड़ा समझ लेती हैं, लेकिन बेटे... उन्हें लगता है कि माँ-बाप ने उनके लिए कुछ नहीं किया। क्या सच में ऐसा है? या फिर उन्हें बस दिखता वही है जो उन्हें 'कम' मिला?

🔸 मां-बाप की तरफ़दारी न करना – न्याय नहीं, अन्याय है

अगर बहू की हर बात मानकर मां-बाप की चुप्पी को उनकी गलती मान लिया जाए, तो यह न्याय नहीं, अन्याय है। रिश्तों में संतुलन और संवेदनशीलता जरूरी होती है।

🔸 ग़रीब माँ-बाप का त्याग – अमीरों से कहीं ऊंचा

पैसों से प्रेम नहीं खरीदा जा सकता। जो माँ-बाप अपना पेट काटकर तुम्हें पालें, वो करोड़पति माँ-बाप से कहीं अधिक मूल्यवान होते हैं।

🔸 जब कोई और मां-बाप को पूछता है, तो आंखें भर आती हैं

आज जब कोई गांव का व्यक्ति उनके माता-पिता से पूछ ले – “भाई साहब कैसे हैं? बेटा क्या करता है?” तो आंखें तो भर ही आती हैं – क्योंकि बेटा सिर्फ एक नाम रह गया है, रिश्ता नहीं।

🔸 मां-बाप कोई बोझ नहीं, वो नींव हैं

किसी भी घर की सबसे मजबूत नींव उसके बुजुर्ग होते हैं। अगर नींव हिला दी जाए, तो महल भी गिर जाते हैं।

💔 जिंदगी की सबसे बड़ी नाइंसाफी

सबसे बड़ी नाइंसाफी तब होती है जब जिन्हें हम अपनी ज़िंदगी समझते हैं, वही हमें नासमझ और बेकार समझने लगते हैं।

🕯️ एक आत्मा की पुकार

अगर आज मां-बाप की आत्मा बोल पाती, तो बस इतना कहती – “हमने तुम्हें जीकर बड़ा किया, तुम हमें मरते हुए मत देखो।”


🙏 अपनी राय जरूर साझा करें!

अगर यह लेख आपके दिल को छू गया हो, तो कृपया इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ ज़रूर साझा करें।
आपके विचार हमारे लिए प्रेरणा हैं। नीचे कमेंट में अपनी राय दें।

❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

प्रश्न 1: क्या इस लेख में बताई बातें सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं?

जी हाँ, यह लेख पूर्णतः यथार्थ अनुभव और भावनाओं को दर्शाने के उद्देश्य से लिखा गया है।

प्रश्न 2: क्या मैं इसे अपने सोशल मीडिया पर साझा कर सकता हूँ?

बिलकुल! आप इसे बेझिझक शेयर कर सकते हैं। नीचे सोशल बटन दिए गए हैं।

📢 डिस्क्लेमर: यह लेख केवल भावनात्मक और प्रेरणात्मक उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी लेखक की व्यक्तिगत राय पर आधारित है। किसी भी प्रकार की आपत्ति या सुधार हेतु कृपया हमसे संपर्क करें।

👇 अपने दोस्तों के साथ शेयर करें 👇

📲 हमारा WhatsApp Channel जॉइन करें

हमारे सभी लेख और अपडेट सीधे पाने के लिए हमारा ऑफिशियल WhatsApp चैनल जॉइन करें:

WhatsApp Channel पर जॉइन करें

© 2025 Bharat Beaconn | सभी अधिकार सुरक्षित

लेखक: Jaishiv Meena | संपर्क: bharatbeaconn@gmail.com

© Bharat Beaconn | सभी अधिकार सुरक्षित

No comments:

Post a Comment

जल ही जीवन है: पानी का महत्व, संकट और समाधान.

छोटे कदम, बड़ा बदलाव: पानी बचाने की ज़िम्मेदारी | जल ही जीवन है छोटे कदम, बड़ा बदलाव: पानी बचान...

👉 Don’t miss this post: